बेजुबान कहानियाँ
किसी की बेज़ुबान कहानियों से, मैं आहिस्ता आहिस्ता रूबरू होने लगी हूँ !
फिर उन्हीं कहानियों की पंक्तियों से, मैं आहिस्ता आहिस्ता छेड़खानी करने लगी हूँ !
किसी की बेज़ुबान कहानियों को, मैं धीरे धीरे कुरेदने लगी हूँ !
फिर उन्हीं कहानियों को उठा कर, मैं थोड़ी थोड़ी फ़रेबी बनने लगी हूँ !
किसी की बेज़ुबान कहानियों में, मैं आहिस्ता आहिस्ता अपनी कहानियाँ जोड़ने लगी हूँ !
केवल अपनी ही कहानियों को दोहराते दोहराते, मैं थोड़ा थोड़ा ऊबने लगी हूँ !
किसी की बेज़ुबान कहानियों को, मैं आहिस्ता आहिस्ता समझने लगी हूँ !
फिर उन्हीं कहानियों में, मैं अपनी चीखती आवाज़ों को मशहूर करने लगी हूँ !
किसी की बेज़ुबान कहानियों में, मैं अपने शीर्षक को तलाशने लगी हूँ !
फिर उन्हीं कहानियों में, मैं अपनी ही कहानियों का अंत ढूँढने लगी हूँ...!!!
Bezubaan Kahaniya
Kisi Ki Bezubaan Kahaniyo Se, Main Aahista Aahista Rubaru Hone Lagi Hu !
Phir Unhi Kahaniyo Ki Panktiyon Se, Main Aahista Aahista Chedkhani Karne Lagi Hu !
Kisi Ki Bezubaan Kahaniyo Ko, Main Dheere Dheere Kuredane Lagi Hu !
Phir Unhi Kahaniyo Ko Utha Kar, Main Thodi Thodi Farebi Banne Lagi Hu !
Kisi Ki Bezubaan Kahaniyo Mein, Main Aahista Aahista Apni Kahaniya Jodane Lagi Hu !
Keval Apni Hi Kahaniyo Ko Dohraate Dohraate, Main Thoda Thoda Ubane Lagi Hu !
Kisi Ki Bezubaan Kahaniyo Ko, Main Aahista Aahista Samajhne Lagi Hu !
Phir Unhi Kahaniyo Mein, Main Apni Chikhati Aawazo Ko Mashhoor Karne Lagi Hu !
Kisi Ki Bezubaan Kahaniyo Mein, Main Apne Sheershak Ko Talashne Lagi Hu ! Phir Unhi Kahaniyo Mein, Main Apni Hi Kahaniyo Ka Anth Dhundhne Lagi Hu...!!!
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4 Comments
very nice poetry keep it up
ReplyDeleteवाह क्या लिखा है
ReplyDeleteआपके विचारों में आपकी सरलता और अद्भुत लेखन कला झलकती है आपके ब्लॉग की image 👌🏻
very nice thougts
ReplyDeleteजो तुम आ जाते एक बार
ReplyDeleteकितनी करूणा कितने संदेश
पथ में बिछ जाते बन पराग
गाता प्राणों का तार तार
अनुराग भरा उन्माद राग
आँसू लेते वे पथ पखार
जो तुम आ जाते एक बार
हँस उठते पल में आर्द्र नयन
धुल जाता होठों से विषाद
छा जाता जीवन में बसंत
लुट जाता चिर संचित विराग
आँखें देतीं सर्वस्व वार
जो तुम आ जाते एक बार